Hanuman ji ki Aarti: जय श्री राम भक्तो, हनुमान जी को हिन्दू धर्म में भगवन शिव का अवतार माना जाता हैं. इसलिए जो भक्त श्री राम के परम भक्त कहे जानें वालें हनुमान जी की पूजा आरती सच्चे मन और श्रद्धा से करते हैं उनके जीवन के सभी दुःख-दर्द, डर भय दूर हो जातें हैं और उनके घर परिवार में शान्ति स्थापित होती हैं |
श्री राम प्रभु के परम भक्त हनुमान जी की आरती करने से सभी प्रकार के नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं | घर में शुख और समृद्धि आती हैं | इसलिए हनुमान जी के सभी भक्तो को पुरे नियम और सच्चे मन से हनुमान जी की आरती करने चाहिए | हनुमान जी के आरती करने से कई लाभ होते हैं | Hanuman ji ki Aarti Hindi में निचे दिए गये हैं | Hanuman ji Aarti PDF Download करने के लिए भी दिए गये हैं |
PDF Name | Hanuman Aarti PDF |
No. of Pages | 2 |
PDF Size | 0.22 MB |
PDF Category | Religion & Spirituality |
Source/Credit | Multiple Source |
Published/Updated | October 17, 2023 |
Uploaded By | Vidhya Sharma |
Hanuman Aarti PDF | हनुमान जी की आरती हिंदी
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। सन्तन के प्रभु सदा सहाई।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुध लाए।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई ।।
लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे ।।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे ।।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे ।।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे ।।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे ।।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई ।।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसि बैकुंठ परमपद पावै ।।
लंकविध्वंस किए रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई ।।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।।
जय श्री राम, जय श्री हनुमान, जय बजरंग बलि